ग्रहों में शनि को सबसे क्रूर और खतरनाक माना जाता है.
शनि की जिस पर अशुभ दृष्टि पड़ जाए उसका जीवन नर्क हो जाता है, उसी तरही उनकी बहन का भी है.
उनकी बहन का नाम है भद्रा । भद्रा सूर्य और छाया की पुत्री है।
शनि महाराज की बहन भद्रा भी उनकी की तरह क्रोधी स्वभाव की है जिस प्रकार शनि राजा को रंक बनाने की शक्ति रखते है ठीक उसी तरह उनकी बहन भी व्यक्ति के जीवन को नर्क बना सकती है.
धार्मिक मान्यता अनुसार भद्रा का इनका रंग काला, केश लंबे और दांत विकराल है.
कहते हैं भद्रा जन्म लेने के तुरंत बाद ही संसार को खाने के लिए दौड़ पड़ी. यज्ञों को नष्ट कर दिया, मंगल कार्यों में उपद्रव करने लगी.
तब ब्रम्हा जी ने भद्रा को आशीर्वाद दे दिया की जहां मांगलिक और शुभ कार्य होते हैं वहां तुम्हारा निवास स्थान होगा.
तुम बव, बालव, कौलव, तैतिल आदि करणों के अंत में सातवें करण के रुप में स्थित रहो. इस तरह ब्रह्मा जी ने भ्रदा को समय का एक भाग दे दिया.
वह उसी समय में निवास करती है। इसलिए किसी भी शुभ काम का आरंभ भद्रा काल में नहीं किया जाता है।