हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए महलों, हथियारों और इमारतों का निर्माण किया था.
इसीलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन औजारों-मशीनों, हथियारों और लोहे की पूजा की जाती है.
भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र थे. इन्हें निर्माण का देवता माना जाता है.
मान्यता है कि रावण की लंका, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ और श्रीकृष्ण के लिए द्वारका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था.
इसके साथ ही प्राचीन शास्त्रों में वास्तु शास्त्र का ज्ञान, यंत्र निर्माण विद्या, विमान विद्या आदि के बारे में भगवान विश्कर्मा ने ही जानकारी प्रदान की है