राधा जी के बारे में प्रचलित है कि वह बरसाना की थीं।

लेकिन, हकीकत है कि उनका जन्‍म बरसाना से 50 किलोमीटर दूर हुआ था। यह गांव रावल के नाम प्रसिद्ध है।

पद्म पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक वैष्य गोप और कीर्ति की पुत्री थी ।

कुछ विद्वान मानते हैं कि राधाजी का जन्म यमुना के निकट स्थित रावल ग्राम में हुआ था और बाद में उनके पिता बरसाना में बस गए।

राधा की मां कृति को यमुना में स्‍नान करते हुए एक कमल का फूल प्रकट मिला ।

जिसमे एक छोटी बच्‍ची थी जिसका का नेत्र बंद था।

कहा जाता है राधा रानी भगवान श्री कृष्ण से करीब साढ़े 11 महीने बड़ी थीं, लेकिन उन्होंने अपने नेत्र नहीं खोले थे।

कान्हा के जन्म पर उत्सव हुआ वहाँ राधा रानी ने श्री कृष्ण श्री कृष्ण को देखते हुए पहली बार अपनी आंखें खोली थीं।

आपको बता दे रावल गांव में राधारानी का मंदिर है जिसे लाडली जी  मंदिर के नाम से जाना जाता है।

यहां राधा रानी घुटमन चलते हुए बाल स्वरूप में विराजमान हैं।