सनातन धर्म में तिलक को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

तिलक कई प्रकार के होते हैं। उन्मे से एक है श्याम बिंदी।

श्याम बिंदी में पीले चंदन से तिलक लगाने के बाद तिलक के बीच में एक काली बिंदी भी लगाई जाती है ।

श्याम बिंदी काले रंग का चंदन होता है जिसे बिंदी की तरह तिलक के बीच में लगाया जाता है।

कहते हैं कि यह श्री कृष्ण के आसुंओं से बना है।

माना जाता है जब श्रीकृष्ण गोपियों को छोड़कर मथुरा जा रहे थे तो उनकी आंखों से निकले आंसुओं को गोपियों ने अपने सिर पर धारण कर लिया। उन आँसुओं ने एक बिन्दु का रूप ले लिया।

वैष्णव तिलक लगाते समय श्याम बिंदी लगाना अनिवार्य माना गया है।

बिना श्याम बिंदी के वैष्णव तिलक पूर्ण नहीं होता है.

जो भी ये पूर्ण तिलक जो भक्त अपने मस्तक पर धारण करता है, उसके ऊपर भगवान कृष्ण का आर्शीवाद सदैव बना रहता है

जो व्यक्ति श्याम बिंदी लगाता है. उसके जीवन से सारी नकारात्मकता चली जाती है

श्याम बिंदी  ग्रह दोष और राहु के प्रकोप को मिटाने में भी कारगर है।