भगवान श्री कृष्ण को बाँसुरी के बगैर कल्पना किया ही नहीं जा सकता ।
श्रीमद्भागवत पुराण में भी भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी से जुड़ी कई कथाएं हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की बांसुरी में जीवन का सार छिपा है।
श्रीकृष्ण की बांसुरी साधारण बांसुरी नहीं है, इसमें ऐसे रहस्य छिपे हैं।
कहते हैं जब भोलेनाथ बालकृष्ण से मिलने आए थे तो उन्होंने वह बांसुरी उन्हें भेंट स्वरूप दी थी।
ये भी बताया जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने ऋषि दधीचि की हड्डी से यह बांसुरी बनाई थी।
श्रीकृष्ण ने पहली ही बार ऐसी बांसुरी बजाई की सभी को ऐसा लगा जैसे यह बजाना कई जन्मों से सीख रखा है।
उनकी बांसुरी की धुन पर गोपिकाएं और पूरा गोकुल बेसुध हो जाता था।
श्रीकृष्ण की बांसुरी सुनकर गायें लौट आती थींं।
माना जाता है बांसुरी की धुन सुनते-सुनते ही राधा ने अपना शरीर त्याग दिया।
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