भगवान तिरुपति बालाजी का चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से ऐसे रहस्य जुड़े हैं, जिन्हें जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
मंदिर में भगवान वेंकेटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। ये कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं।
जब मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे तो ऐसा लगेगा कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में है। लेकिन आप जैसे ही गर्भगृह के बाहर आएंगे तो प्रतीत होता है कि भगवान की प्रतिमा दाहिनी तरफ है।
मान्यता है कि भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी भी समाहित हैं जिसकी वजह से श्री वेंकेटेश्वर स्वामी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाये जाते है।
भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है।
भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया सदैव जलता रहता है। इस दीए में न ही कभी तेल डाला जाता है और न घी।
मंदिर में चढाय़ा गया फूल और तुलसी कभी भक्तों को वापस नहीं दिया जाता है, बल्कि इसे मंदिर के परिसर में बने एक कुएं में डाल दिया जाता है।
भगवान बालाजी पर पचाई नामक कर्पूर लगाया जाता है। इस कपूर के बारे में कहा जाता है कि ये किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो पत्थर में कुछ समय में दरार पड़ जाती है, परंतु भगवान बालाजी की मूर्ति पर इस पचाई कर्पूर का कोई प्रभाव नहीं होता है।
इस मंदिर में जो भी फूल, मालाएं चढाई जाती हैं उन्हे पुजारी बिना देखे पीछे फेकता जाता है.