हिन्दू धर्म में पूजा के बाद हवन की परंपरा है. हवन और यज्ञ के धार्मिक के साथ साथ वैज्ञानिक लाभ भी है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार यज्ञ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. ये नकारात्मकता को दूर करता है.
इससे घर का वातावरण भी शुद्ध होता है.
अगर किसी जातक की राशि में ग्रहों की चाल खराब है तो यज्ञ कर सकते हैं. इससे कुंडली के दोष का निवारण किया जा सकता है.
हवन सामग्री में आम की लकड़ी, बेल, नीम, कलींगज, पीपल की छाल, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, बेर, कपूर, शकर जौ, चावल, चंदन की लकड़ी देशी घी आदि का इस्तेमाल किया जाता है.
हवन की अग्नि में जब आहुति डाली जाती है तो उससे निकलने वाले धुएं से पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है साथ ही मंत्रोच्चार होने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
यज्ञ आपको मानसिक शांत प्रदान करने का काम करता है. ये आपके तनाव को कम करता है और आपके मन को शांत करता है.
यज्ञ से निकलने वाले धुंए से तन और मन पवित्र होता है. इससे मानसिक शांति मिलती है.
यज्ञ और हवन से वातावरण में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणु खत्म हो जाते हैं. इससे प्रदूषित वायु को शुद्ध करने में मदद मिलती है.
हवन के धुएं के संपर्क में आने से व्यक्ति के मस्तिष्क, फेफड़ें और श्वास संबंधी समस्याएं दूर होती है. इससे श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है.