सनातन धर्म में गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना जाता है।

गंगा जल एकमात्र ऐसा जल हैं जो कभी सड़ता नहीं। लोग गंगा जल अपने घर भी लाते है।

यदि गंगा जल को नियम और विधि विधान के साथ न रखा जाए तो इसके परिणाम बर्बादी की ओर अग्रसर होते हैं

गंगाजल को तांबे या पीतल के लोटे या बर्तन में रखना चाहिए।

इसे प्लास्टिक के बर्तन में रखने से बचें। प्लास्टिक द्रव्य से निकलने वाले रासायनिक सतहों के कारण जल में कठिनाईयाँ आ सकती हैं और प्राकृतिक संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।

गंगाजल को किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए।

गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानी पूजा घर में ही रखना चाहिए। माना जाता है कि इस दिशा में देवताओं का वास होता है।