आषाढ़ माह में शुक्लपक्ष के दौरान देवशयनी एकादशी आती है।
इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निंद्रा में चले जाते हैं।
देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
देवशयनी एकादशी पर कुछ कामों को करना अशुभ माना जाता है, जो प्रभु की नाराजगी का कारण भी बन सकता है।
देवशयनी एकादशी के दिन भूलकर भी मास-मदिरा अथवा तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों के स्पर्श भूलकर भी न करें।
चावल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है इस दिन चावल का सेवन करने से दोष लगता है।
इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए।
देवशयनी एकादशी पर पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें की आप काले रंग के कपड़े न पहने।
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