घर का वास्तु ठीक न होने से पिता-पुत्र के बिच लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। जानिये कुछ वजह और उपाय

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की पूर्व दिशा पिता पुत्र के लिए निर्धारित होती है। इस दिशा में वास्तु दोष होन पर पिता-पुत्र की आपस में नहीं बनती।

कांच या शीशे को बेडरूम में न रखें। आईने में बेड के दिखाई देने से रोगों और नकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।

इलेक्ट्रॉनिक, गर्मी पैदा करने वाले अन्य उपकरणों को ईशान अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से पुत्र-पिता के आदेशों को नहीं मानता और परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपमान करता है। ऐसे सामान को इस दिशा में न रखें।

उत्तर-पूर्व कोने में भंडार कक्ष और पर्वत की तरह आकृति बनाने से भी बेटे एवं पिता के संबंधों में चिंताएं होने के कारण इनका एक-दूसरे पर विश्वास नहीं रहता। इन भागों में इनका निर्माण न करें।