श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म का पवित्र धार्मिक ग्रंथ है. गीता के ये 5 श्लोक बेहद ही महत्वपूर्ण है
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतअभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्
भावार्थ- भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि इस धरती पर जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का बढ़ने लगता है तब-तब वे अवतरित होते हैं.
परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे
भावार्थ- गीता के इस श्लोक का भावार्थ है कि साधु और सज्जनों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण हर युग में जन्म लेते हैं. इसके अलावा दुष्टों के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण प्रत्येक युग में जन्म लेते हैं.