धर्म संवाद / डेस्क : गौतम बुद्ध को बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म लुंबिनी गाँव में 563 ईसा पूर्व राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। इनकी माता का नाम महामाया था। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। वे अपना घर-परिवार छोड़कर संसार को दुखों से मुक्ति दिलाने के लिए वे दिव्य ज्ञान की खोज में जंगल चले गए। वर्षों तक तपस्या करने के बाद उन्हे परम ज्ञान की प्राप्ति हुई।
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- गौतम बुद्ध के सिद्धांतों का पालन करने से जीवन के सच्चाईयों का पता चलता है। उन्होंने दुनिया को अहिंसा, करुणा और शांति का पाठ पढ़ाया। चलिए महात्मा बुद्ध के कुछ उपदेशों को जानते हैं।
- बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को केवल प्रेम से समाप्त किया जा सकता है।
- जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता।
- अपनी प्राण-रक्षा के लिए भी जान-बूझकर किसी प्राणी का वध न करें। जहां मन हिंसा से मुड़ता है, वहां दुःख अवश्य ही शांत हो जाता है।
- क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमेशा क्रोध में रहना, गर्म कोयले को किसी दूसरे पर फेंकने के लिए पकड़े रहने के सामान होता है। इसमें हमारा हाथ भी जलता है।
- अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी बहस नहीं चाहिए। अज्ञानी व्यक्ति बैल के समान होता है। वह ज्ञान में नहीं, सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है।
- जो बुरा समय बीत गया हो उसको याद नहीं करना चाहिए। भविष्य बेहतर बनाने के लिए वर्तमान में ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- जितनी आवश्यकता है उतनी ही संपति रखें. आवश्यकता से ज्यादा संपति रखना भी चोरी है.
- छोटे से छोटे जीव की हत्या करना भी हिंसा है. इससे बचना चाहिये.