धर्म संवाद / डेस्क : भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना जाता है। वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को उनका जन्म हुआ था। इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है। परशुराम जी महर्षि जमदग्नि के पुत्र थे। उनकी माता का नाम था रेणुका। उन्हे सात चिरंजीवियों में से एक माना जाता है। चलिए परशुराम जी से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानते हैं।
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- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार परशुराम जी का मूल नाम राम था। महादेव द्वारा वरदान स्वरूप परशु अस्त्र प्रदान किए जाने के कारण ही इनका नाम परशुराम पड़ा जिसका अर्थ है परशु के साथ राम।
- भगवान परशुराम को ब्रह्म-क्षत्रिय कहा जाता था, क्योंकि वह जन्म से ब्राह्मण थे परंतु कर्म से क्षत्रिय थे, वे युद्ध-कला में निपुण थे। उन्मे वीरता, शूरता, पराक्रम और निर्भयता आदि क्षत्रियों वाले गुण थे।
- उन्हे अपने पिता ऋषि जमदग्नि की आज्ञा पर अपनी माता का सिर काटना पड़ा था। हालांकि उसके बाद उनके पिता ने उनकी मा को दुबारा जीवित कर दिया था।
- परशुराम जी के फरसू की वजह से ही भगवान गणेश का एक दांत टूट गया था जिससे वे एकदंत कहलाये ।
- भगवान परशुराम ने दुष्ट क्षत्रियों का 21 बार विनाश किया।उन्मे से सबसे विख़्यात है सहसत्रबाहु।
- परशुराम जी त्रेतायुग में श्रीराम द्वारा शिव धनुष तोड़े जाने पर पधारे थे । जिसके बाद उनके और लक्ष्मण के बीच में संवाद हुआ था।
- परशुराम जी ने द्वापर युग में कर्ण को शिक्षा दी थी। जिन्होंने परशुराम जी से झूठ बोलकर शस्त्र विद्या प्राप्त की थी। जब परशुराम जी को पता चला था तब उन्होंने कर्ण को श्राप दे डाला था कि वो ये सारी विद्याएँ उस समय भूल जाएगा जब इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी।