धर्म संवाद / डेस्क : हिंदू भक्तों के लिए लड्डू गोपाल जी की सेवा न सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य होती है, बल्कि यह प्रेम, भक्ति और अपने आराध्य के प्रति लगाव का प्रतीक भी है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि अलग-अलग ऋतुओं में लड्डू गोपाल की पूजा के नियम भी भिन्न होते हैं। जहां सर्दियों में उन्हें ऊनी वस्त्रों और गर्म भोजन के साथ पूजा जाता है, वहीं गर्मियों में उनकी सेवा में ठंडक प्रदान करने वाले उपाय अपनाए जाते हैं, जैसे हल्के वस्त्र, चंदन लेप और शीतल भोग। लड्डू गोपाल को हम अपने पुत्र के समान मानते हैं। ऐसे में जब गर्मियां शुरू हो गई हैं तो उनके लिए खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. आइए जानते हैं गर्मियों में लड्डू गोपाल सेवा किस तरह करे ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके और उनकी आराधना में पवित्रता बनी रहे।
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- सूर्यादय से पहले जगाएं – गर्मी के दिनों में हमें लड्डू गोपाल को जल्दी उठाना चाहिए. हो सके तो आप कोशिश करके उनको सूर्योदय से पहले उठकर उनको उठाएं।
- प्रातः स्नान एवं शृंगार – गर्मियों में लड्डू गोपाल को ठंडे जल से स्नान कराएं। स्नान के लिए गुलाब जल, केवड़ा जल या चंदन मिश्रित पानी का प्रयोग करें। स्नान के बाद मुलायम कपड़े से उन्हें पोंछें और हल्के सूती वस्त्र पहनाएं। सिर पर छोटा सा रेशमी या सूती साफा और गले में तुलसी माला पहनाएं।
- चंदन लेप एवं इत्र प्रयोग – लड्डू गोपाल जी को चंदन का लेप लगाना गर्मियों में बहुत लाभदायक होता है। साथ ही गुलाब, केवड़ा या चंदन जैसे प्राकृतिक इत्र का हल्का प्रयोग करें।
- शीतल आसन और स्थान – जहां लड्डू गोपाल विराजमान हों, वह स्थान साफ़, शांत और हवादार होना चाहिए। उन्हें चंदन की लकड़ी से बने या पत्थर के शीतल आसन पर बैठाएं। मन्दिर के पास खस की चटाई, पानी से भरा मिट्टी का पात्र (घड़ा), या छोटा पंखा लगाएं।
- भोग में शीतल वस्तुएं- गर्मियों में लड्डू गोपाल को ठंडक प्रदान करने वाले भोग अर्पित करें, जैसे:
- माखन-मिश्री
- ठंडा दूध
- फल (खरबूजा, तरबूज, आम आदि)
- पंजीरी या चावल की खीर
- गुलकंद युक्त पेय
6. जल सेवा – गर्मियों में ज्यादा प्यास लगती है। लड्डू गोपाल के पास एक छोटा पात्र रखें जिसमें प्रतिदिन ताजा ठंडा जल भरा हो। जल पात्र में तुलसी दल जरूर रखें। लड्डू गोपाल को शीतलता प्रदान करने के लिए फूलों की माला पहना सकते हैं और फूलों की झालर लगा सकते हैं। इससे लड्डू गोपाल को शीतलता का अहसास होगा।
7. मंदिर में शीतल वातावरण बनाएं – प्रतिदिन मंदिर में गंगा जल का छिड़काव करें।तुलसी का पौधा मंदिर के पास रखें, जिससे वातावरण शुद्ध और ठंडा बना रहे। सुगंधित अगरबत्ती या धूप कम से कम प्रयोग करें, विशेषकर दोपहर के समय।
8. रात्रिकालीन सेवा – सोते समय लड्डू गोपाल को हल्का और ढीला वस्त्र पहनाएं। उनके पास पंखा या शीतल वायु की व्यवस्था करें। उन्हें ताजे पुष्प अर्पित करें और प्रेम से “शयन आरती” करें।