ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र : कर्ज से मुक्ति पाने के लिए करे ये स्तोत्र

By Tami

Published on:

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान गणेश विद्या और बुद्धि के दाता है।साथ ही ऋद्धि सिद्धि के दाता भी है। लक्ष्मी चंचला है इसलिए धन हमेशा टिकता नहीं है। उसके बाद कर्ज लेना पड़ता है और कर्ज बढ़ते जाता है। अगर आप भी कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो रोजाना आरती के समय ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें। 

॥ ध्यान ॥
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

॥ मूल-पाठ ॥
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

[short-code1]

यह भी पढ़े : श्री गणेश चालीसा | Shree Ganesh Chalisa

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now


तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥

See also  यशोमती मैया से बोले नंदलाला lyrics

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .