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पंच परमेष्ठी आरती | Panch Parmeshthi Aarti

By Tami

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पंच परमेष्ठी आरती

धर्म संवाद / डेस्क : पंच परमेष्ठी आरती हिंदू धर्म के पांच पवित्र देवताओं – भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान महेश्वर और भगवान सदाशिव को समर्पित है। इसका गायन अत्यंत शुभ माना जाता है। 

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे ।

पहेली आरती श्री जिनराजा, भव दधि पार उतार जिहाजा ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

दूसरी आरती सिद्धन केरी, सुमरण करत मिटे भव फेरी ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

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तीजी आरती सूर मुनिंदा, जनम मरन दुःख दूर करिंदा ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

चोथी आरती श्री उवझाया, दर्शन देखत पाप पलाया ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

पाचवी आरती साधू तिहारी, कुमति विनाशक शिव अधिकारी ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

छठी ग्यारह प्रतिमा धारी, श्रावक बंदू आनंद कारी ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

सातवी आरती श्री जिनवाणी, ज्ञानत सुरग मुक्ति सुखदानी ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

आरती करू सम्मेद शिखर की, कोटि मुनि हुए मोक्ष गामी जी ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

जो यह आरती करे करावे, सौ नर-नारी अमर पद पावें ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

सोने का दीप कपूर की बाती, जगमग ज्योति जले सारी राती ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

संध्या काले आरती कीजे, अपनों जनम सफल कर लीजे ।

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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