यहाँ है श्रीकृष्ण की कुलदेवी का मंदिर

By Tami

Published on:

श्रीकृष्ण की कुलदेवी का मंदिर

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान कृष्ण के तो देशभर में कई मंदिर है। परन्तु जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उस मंदिर के बारे मान्यता है कि यह मंदिर श्रीकृष्ण की कुलदेवी का मंदिर है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और इसकी कहते है कि जो भी यहां आता है वह खाली नहीं जाता। उसकी जो भी मनोकामना है वह पूर्ण होती है। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में मौजूद इस मंदिर का नाम महाविद्या देवी मंदिर है।

यह भी पढ़े : इस मंदिर में भद्रकाली को खुश करने के लिए दी जाती हैं गालियां, जाने अनोखे मंदिर की अनोखी प्रथा

[short-code1]

महाविधा देवी का मंदिर मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास महाविद्या कॉलोनी में स्थित है। बताया जाता है कि यह मंदिर 5000 वर्ष पुराना है। मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर जन्म के बाद भगवान कृष्ण का मुंडन भी हुआ था। कहा जाता है कि कंस से कृष्ण-बलदेव की रक्षा करने के लिए नंद-यशोदा ने यहां आकर महाविद्या देवी से प्रार्थना की थी। भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन भी यहीं कराया गया था। 

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

पौराणिक कथा के अनुसार महाविद्या देवी मंदिर के पास ही देवकी कुंड भी था। इस मंदिर में श्रीधर नामक ब्राह्मण ने अंगिरा ऋषि का असम्मान कर दिया था। ऋषि अंगिरा ने श्रीधर की शाप देकर अजगर बना दिया था। माता देवकी जब कुंड में स्नान कर रही थीं तो अजगर ने उनका पैर पकड़ लिया। देवकी की पुकार पर कृष्ण ने उन्हें अजगर से मुक्त कराया और श्रीधर का उद्धार किया।  त्रैता युग की बात करें तो रावण का संघार करने के लिए जाते वक्त भगवान श्रीराम ने देवी के दर्शन और उनका पूजन-अर्चन किया था। उसी परंपरा का निर्वहन मथुरा की रामलीला में भी किया जाता है।

See also  मतंगेश्वर महादेव मंदिर : हर साल बढ़ती है यहाँ के शिवलिंग की लंबाई

यह भी पढ़े : देश का एकमात्र ऐसा मंदिर जहाँ भगवान राम की काली मूर्ति विराजमान है

इतिहास में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि छत्रपति शिवाजी ने यहां माता के दरबार में पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने दिल्ली को लूटने और फतह करने की बड़ी योजना को भी महाविद्या के इसी अंबिका वन में तैयार किया था। इसके साथ ही युद्ध जीतने के बाद उन्होंने ही इस मंदिर का जीर्णोधर करवाया था।

मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी आता है वह खाली नहीं जाता, उसे मां महाविद्या कुछ न कुछ जरूर देती हैं और इसी कारण से यह मंदिर हमेशा भरा रहता है। नवरात्रि में इस मंदिर पर भक्तों का सैलाब उमड़ता है। सैंकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन हलवा-चना आदि बांटते हैं।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .