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पुरी के जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खुले, क्या होगा लाभ? यहां जानिए

By Tami

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जगन्नाथ मंदिर

धर्म संवाद / डेस्क : ओडिशा में इस बार सरकार बदल गई है. यहां बीजेपी की सरकार बनी है जो लगातार जनता से संबंधित फैसले लेने में जुट गई है. इस क्रम में सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, सरकार ने मंदिर के सभी चार द्वारों को फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, इसके बाद गुरुवार को प्रशासन की मौजूदगी में इसका पालन किया गया. इस अवसर पर खुद प्रदेश के नए सीएम मोहन चरण माझी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में जगन्नाथ मंदिर के 4 द्वारों को खोलने के लिए हमने प्रस्ताव रखा था और वो प्रस्ताव पारित हुआ और 13 जून को भक्तों की सुविधा के लिए चारों द्वार खोल दिए गए.

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जानें आखिर क्यों बंद थे द्वार?

जगन्नाथ पुरी मंदिर की बात करें तो यहां कुल चार दरवाजे हैं. इनका नाम सिंह द्वार, अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार और हस्ति द्वार है. कोरोना काल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए तीन द्वार बंद कर दिए थे जिसे अबतक नहीं खोला गया था. जब कोरोना महामारी का प्रभाव कम होने लगा तो केवल सिंह द्वार को ही खोलने का फैसला किया गया था. इसकी वजह से एक द्वार से भक्तों की एंट्री व एक्जिट थी. एक ही द्वार खुलने की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था.

बीजेपी ने इसे अपने चुनावी मुद्दे में किया शामिल

पिछले दिनों ओडिशा में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव के दौरान पार्टियों ने कई तरह के वादे जनता से किए. बीजेपी ने चुनावों के दौरान वादा किया था कि उनकी सरकार बनते ही मंदिर के सभी दरवाजों को खोलने का काम किया जाएगा. वहीं चुनाव में जीत के बाद बीजेपी सरकार ने अपना वादा पूरा किया और 5 सालों से बंद जगन्नाथ पुरी के 3 अन्य द्वारों को खोलने का काम 13 जून की सुबह किया गया. ओडिशा की बीजेपी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की तत्काल आवश्यकता के लिए एक निधि स्थापित करने का भी फैसला लिया.

क्या कहा सीएम मोहन चरण माझी ने

जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार खुलने के वक्त सीएम मोहन चरण माझी के साथ बीजेपी सांसद संबित पात्रा के अलावा अन्य नेता मौजूद थे. सीएम मोहन चरण माझी ने इस दौरान कहा कि कैबिनेट की बैठक में जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था, जो पारित हो गया और गुरुवार सुबह 6:30 बजे मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद (संबित पात्रा) के साथ ‘मंगला आरती’ में शामिल हुआ. उन्होंने आगे कहा कि जगन्नाथ मंदिर और अन्य कार्यों के विकास के लिए, हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है. जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे, तो मंदिर प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कोष आवंटित करने का काम किया जाएगा.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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