बरगद के पेड़ को चिरंजीवी कहा जाता है।
क्योंकि, इस पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवों का वास होता है।
ऐसी मान्यता है कि, इस पर हर वक्त माता लक्ष्मी का निवास रहता है।
इसलिए बरगद के वृक्ष की पूजा करने पर कष्टमुक्त, रोगमुक्त, भयमुक्त होने के साथ-साथ पति की लंबी उम्र का वरदान प्राप्त किया जा सकता है।
इस वृक्ष की आयु सहस्त्रों वर्षों की होती है।
इसी कारण इसका एक नाम “अक्षयवट” भी है, अर्थात जिसका क्षय नहीं होता।
कुछ ग्रंथों में ये भी कहा गया है कि प्रलय के समय काशी के अतिरिक्त केवल अक्षयवट ही सुरक्षित रहता है।
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