महाकुंभ मेले का आयोजन उत्तराखंड में गंगा के किनारे हरिद्वार, मध्य प्रदेश में शिप्रा नदी पर उज्जैन, महाराष्ट्र में गोदावरी नदी पर नासिक और उत्तर प्रदेश में तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल प्रयागराज पर किया जाता है।
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था।
मंथन में कई रत्न, अप्सराएं, जानवर, विष और अमृत आदि निकला था।
अमृत पाने के लिए देवताओं और असुरों में संघर्ष शुरू हो गया था। इस संघर्ष के बीच अमृत की कुछ बूंदें छलक कर पृथ्वी पर गिर गईं।
अमृत की बूंदें जहां-जहां गिरीं, वहां-वहां कुंभ का आयोजन किया जाता है ।
माना जाता है अमृत के घड़े के लिए लड़ाई 12 दिव्य दिनों तक चली थी।
देवताओं का 12 दिन मनुष्यों का 12 वर्ष होता है। इसीलिए 12वें वर्ष ही कुम्भ के मेले का आयोजन किया जाता है।