धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि व विद्या का देवता माना जाता है। और माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। हर साल दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा की होती है। माना जाता है कि दिवाली के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से विशेष फल मिलता है। लेकिन इनके साथ भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है चलिए बताते हैं।
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पौराणिक कथा के अनुसार, एकबार माता लक्ष्मी को स्वयं पर अभिमान हो गया था। तब भगवान विष्णु ने कहा कि भले ही पूरा संसार आपकी पूजा-पाठ करता है लेकिन अभी तक आप अपूर्ण हैं। यह बात सुनकर लक्ष्मी जी हैरत में पड़ गईं और उनको दुख भी हुआ कि प्रभु श्रीहरि ऐसा कह रहे हैं। उन्होंने उनसे पूछा कि वे अपूर्ण क्यों हैं? तब भगवान विष्णु ने कहा कि जब तक कोई स्त्री मां नहीं बन पाती तब तक वह पूर्णता प्राप्त नहीं कर पाती। आप निसंतान होने के कारण ही अपूर्ण हैं। यह जानकर माता लक्ष्मी को बहुत दुख हुआ।
मां लक्ष्मी की पीड़ा को देखते हुए माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को उन्हें दत्तक पुत्र के रूप में सौंप दिया। इस बात से प्रसन्न होकर माता ने यह घोषणा की कि व्यक्ति को लक्ष्मी के साथ गणेश जी की उपासना करने से ही धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। तभी से दिवाली पर पर माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है।